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प्रस्तावना
Republic Day Essay in Hindi: भारत के प्रमुख तीन राष्ट्रीय त्योहारो में से एक गणतंत्र दिवस है. भारत के अन्य दो राष्ट्रीय त्योहार स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) है. गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय त्योहार के साथ-साथ भारतवर्ष का एक गौरव का दिन होता है. गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को बहुत ही गर्व और उल्लास के साथ मनाया जाता है. 26 जनवरी 1950 को भारत अपना संविधान लागू किया था.
वह दिन है, जिस दिन भारत आजादी के साथ अपने देश और अपने नागरिकों के हित में संविधान (नियम) पारित किया था. जिस संविधान में भारत देश का विकास निहित था. भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के बाद, देश का अपना नियम कानून स्थापित करने के लिए अपना संविधान अपनाया गया. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपना संविधान लागू किया गया.
26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day Essay in Hindi
26 जनवरी 1950 को इसे पूरे भारतवर्ष में सर्वसम्मति से भारतीय लोकतंत्र प्रणाली में लागू किया गया. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे भारतवर्ष में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने लगा. इस दिन स्कूल, कॉलेज, संस्थान और दफ्तरों में गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत गणतंत्र दिवस मनाता है. भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने गए थे. संविधान सभा के प्रमुख सदस्य डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद थे.
संविधान सभा के सदस्य 9 दिसंबर 1947 से भारत का संविधान निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिए थे. संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थी. जिसमें प्रारूप समिति (जिसे ड्राफ्टिंग कमिटी कहते हैं) प्रमुख थी. ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे. ड्राफ्टिंग कमिटी में प्रमुख रूप से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन में भारत का संविधान लिखा. संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का संविधान सुपुर्द किया.
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उसके बाद से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को भारत का “संविधान दिवस” मनाया जाता है. भारत का संविधान बनाने में 114 दिन की बैठक हुई. भारत का एक अपना और हितकारी संविधान में अनेक सुधार और बदलाव के बाद 26 जनवरी को यह पूरे भारतवर्ष में लागू कर दिया गया. इसलिए 26 जनवरी की महत्ता को देखते हुए संविधान सभा ने भारत को एक गणतंत्र देश का सम्मान प्रदान किया. तभी से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जाने लगा.
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस के महत्व के बारे में जितना भी लिखा जाए, वह कम होगा. क्योंकि आज हम जिस आजादी के साथ अपने देश में जीवन यापन कर रहे हैं, उसके पीछे हमारे देश का गणतंत्र होना है. गणतंत्र होने का अर्थ है – गण का तंत्र अर्थात जनता का शासन.
यही कारण है कि हम गणतांत्रिक भारत में आजादी के साथ अपनी बात अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर सकते हैं. गणतंत्र दिवस मनाना अर्थात अपने देश के संविधान को याद करना है तथा उन बलिदानों को याद करना है, जिसके पीछे भारत के अनेक वीर सपूतों ने अपनी जान देश को आजाद कराने में शहीद कर दी. भारत एक गणतांत्रिक देश है इसका कारण यह है कि भारत के पास अपना एक संविधान है. यह संविधान भारत को शक्ति और संप्रभुता प्रदान करती है.
यह संविधान पूरे भारत को एक समान जोड़ कर रखता है . यह संविधान ही भारत को संसार में एक अलग पहचान दी. इसलिए भारत का हर वासी संविधान के प्रति नतमस्तक होकर उसका सम्मान करता है तथा गणतंत्र दिवस को पूरे सम्मान के साथ प्रत्येक वर्ष त्योहार के रूप में मनाया जाता है. हमारा गणतंत्र दिवस विविधता में एकता का महत्व दर्शाता है तथा यह भी बतलाता है कि भारत एक गणतंत्र देश है.
गणतंत्र दिवस समारोह
इस वर्ष 2022 को भारत 72वाँ गणतंत्र दिवस मनाने जाएगा. गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी को राष्ट्रपति राजपथ पर झंडा फहराते हैं. झंडा फहराने के बाद सभी उपस्थित गणमान्य एक साथ खड़े होकर राष्ट्रीय झंडा तिरंगा को सम्मान के साथ सलामी देते हैं. फिर सभी राष्ट्रगान “जन गण मन” गाते हैं.
गणतंत्र दिवस पूरे भारतवर्ष में बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है. खास तौर पर दिल्ली में इस अवसर पर प्रत्येक साल मन को हरने वाला एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की परेड गणतंत्र दिवस पर एक भव्य और आकर्षक परेड का आयोजन किया जाता है.
इस परेड में भारतीय सेना के तीनों सैन्य शक्ति थल सेना, जल सेना, वायु सेना भाग लेती है. यह परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर आयोजित किया जाता है. इस परेड का आरंभ प्रधानमंत्री “अमर जवान ज्योति” सैनिकों का स्मारक पर पुष्प की माला अर्पित करते हैं. पुष्पमाला अर्पण करने के बाद शहीद हुए सैनिकों की याद में 2 मिनट का मौन व्रत रखते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी सुरक्षा बलों तथा सैनिकों के साथ राजपथ पर स्थित मंच तक आते हैं. इसके बाद राष्ट्रपति समारोह में उपस्थित अतिथियों के साथ आते हैं. सन 1955 से दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है.
परेड में देश के विभिन्न राज्य अपनी अपनी विशिष्टता की झांकियां प्रदर्शित करते हैं. सभी राज्य अपनी लोक संस्कृति, गीत, नृत्य, लघु कुटीर उद्योग आदि का प्रदर्शन करते हैं. इन सभी प्रदर्शनियों से भारत अनेकता में एकता का संदेश पूरे विश्व में दर्शाता है. वायु सेना हवा में अपनी कला बाजियों के साथ तिरंगा झंडा बनाते हैं. जिसे देखकर सभी भारतवासी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. जल सेना तथा थल सेना भी विभिन्न मनोहारी देश गीतों की धुन पर बैंड बजाते हैं. इस समारोह में देश के सभी हिस्सों से भिन्न भिन्न विद्यालयों के बच्चे तथा एनसीसी कैडेट्स के छात्र भाग लेते है।
गणतंत्र दिवस समारोह की विशेष बात
इस समारोह की एक विशेष बात है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के लिए शहीद हुए वीर सैनिकों तथा अनेक वीर सपूतों को उनके शौर्य और बहादुरी के लिए अनेक वीरता पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाता है. इस समारोह में सैनिकों के साथ-साथ उन लोगों को भी वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाता है. जिन्होंने अपने असाधारण बहादुरी से किसी भी जान माल की रक्षा किया हो. बच्चों को भी उनकी असाधारण काम के लिए बालवीरता का पुरस्कार प्रदान किया जाता है.
गणतंत्र दिवस समारोह के अतिथि
गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत प्रत्येक साल अलग-अलग देशों के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राजा रानी मार्शल गवर्नर जनरल इत्यादि विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित करता रहा है. भारत के पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे.
1950 से अब तक
इंडोनेशिया | 1950, 1984, 2011 |
भूटान | 1954, 1984, 2005, 2013 |
पाकिस्तान | 1955, 1965 |
चीन | 1958 |
सोवियत संघ | 1960 |
यूके | 1961, 1993, 2019 |
कंबोडिया | 1963 |
युगोस्लाविया | 1968, 1974 |
बुल्गारिया | 1969 |
तंजानिया | 1971 |
मॉरीशस | 1972, 1990, 2002, 2019 |
जैरे | 1973 |
श्रीलंका | 1974, 1988, 2016 |
जांबिया | 1975 |
पोलैंड | 1977 |
आयरलैंड | 1978 |
आस्ट्रेलिया | 1979 |
फ्रांस | 1976, 1980, 1998, 2008, 2016 |
मेक्सिको | 1981 |
स्पेन | 1982 |
नाइजीरिया | 1983 |
अर्जेंटीना | 1985 |
ग्रीस | 1986 |
पेरु | 1987 |
जिम्बाब्वे | 1987 |
वियतनाम | 1989 |
मालदीव | 1991 |
पुर्तगाल | 1992 |
सिंगापुर | 1994 |
त्रिनिदाद टोबैगो | 1997 |
ईरान | 2003 |
सऊदी अरब | 2006 |
रूस | 2007 |
कजाकिस्तान | 2009 |
कोरिया | 2010 |
थाईलैंड | 2012 |
जापान | 2014 |
अबू धाबी | 2017 |
ब्राज़ील | 1996, 2004 |
दक्षिण अफ्रीका | 1995, 2019 |
नेपाल | 1999 |
नाइजीरिया | 2000 |
अलजीरिया | 2001 |
USA | 2015, 2019 |
तथा 2018 में 10 एशियाई देशों के प्रमुख उपस्थित हुए थे. 2021 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री “बोरिस जॉनसन” मुख्य अतिथि थे. मगर किन्ही कारणों से उनका आना स्थगित हो गया.
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गणतंत्र दिवस FAQ
26 जनवरी क्यों मनाया जाता है भाषण?
26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान को बना कर लागू कर दिया गया था।
गणतंत्र दिवस का महत्व क्या है?
26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ था। इसलिए इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु राष्ट्र बन गया।
भारत को गणतंत्र क्यों कहा जाता है?
भारत को गण तंत्र इसलिए कहा जाता क्योंकि यहाँ जनता का,जनता के लिए, जनता द्वारा शासन होता है। इस दिन देश के प्रथम व्यक्ति राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते है। भारत के राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से जनता चुनती है तथा राष्ट्रपति सर्वोच्च शक्ति रखते है।