ईश्वर हमारे साथ है (Ishwar Hamare Saath Hain): हमारे ईश्वर हम सभी के साथ ही रहते है। वे अपनी उपस्थिति किसी-न-किसी माध्यम के द्वारा कराते रहते हैं। कभी मनुष्य इस बात को समझ जाता है तो कभी तो नहीं। तो आईए हम सब इस बात को इस कहानी के द्वारा समझने की कोशिश करते हैं।
एक व्यापारी था। वह अपनी मेहनत और ईमानदारी के कारण एक बहुत ही अच्छा व्यापारी बन गया था। उसका व्यपार बहुत ही अच्छा चल रहा था। वह अपने कार्य की सफलता का श्रेय अपने ईश्वर को देता था। वह मानता था की ईश्वर सदा उसके साथ रहते है। उसके साथ-साथ चलते है। उसे कभी भी किसी बात से डरना नहीं है।
मगर एक समय ऐसा आया कि उसका व्यपार उसके ईर्ष्या करने वाले व्यपरियों ने डुबो दिया। उसके व्यपार को बहुत घाटा हुआ।
कुछ दिनों तक वह बहुत ही दुखी रहा। उसका किसी काम में मन नहीं लगता था। इस बीच वह अपने ईश्वर को भी भूल गया। उसे अपने पास भगवान के होने का भी एहसास नहीं होता था। इससे वह यह मानने लगा था की बुरे वक्त में भगवान भी मेरे साथ छोड़ गए।
दिन बितते गए। वह अपने आप को संभाला और मेहनत करता गया। मेहनत करने के साथ-साथ वह अब सतर्कता के साथ व्यापार करता रहा। ताकि अब कोई दूसरा उसके व्यापार को बर्बाद ना कर सके।
धीरे-धीरे व्यापार में पहले से भी ज्यादा उन्नति हो गया। व्यापार की उन्नति होते ही अब वह फिर से अपने ईश्वर को महसूस करने लगा था। उसे लगने लगा की ईश्वर फिर से उसके साथ है। मगर वह अपने ईश्वर से रूठा हुआ था। वह कह रहा था की जब मेरा दिन बुरा चल रहा था, तब आप ने भी मेरा साथ छोड़ दिया। जबकि उस वक्त मुझे आपके साथ की बहुत ज्यादा जरूर थी।
इतना कहते ही उसे एहसास हुआ कि कोई उसे कह रहा है, जब तुम्हारे अच्छे दिन चल रहे होते हैं, तब मैं तुम्हारे साथ-साथ चल रहा था। मगर बुरे दिन में मैं तुम्हारे अंदर विराजमान था। ताकि मैं तुम्हें तुम्हारी मुसीबतों से बाहर निकाल सकूँ। तुम्हारे अंदर फिर से उस शक्ति का संचार कर सकूँ। ताकि तुम अपना धैर्य को बनाए रखों। अगर समस्याएं आती है, तो संघर्ष तुम्हें ही करना है। मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा हूँ। यह कहानी हमें बताती है की ईश्वर हमें कभी भी नहीं छोड़ते हैं, बल्कि मनुष्य अपने दुख के आगे उनके अस्तित्व को महसूस ही नहीं कर पता है।हमारे ईश्वर हम सभी के साथ ही रहते है।
मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद। खुश रहिए, मुस्कुराते रहिए।
ईश्वर हमारे साथ है | Ishwar Hamare Saath Hain
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