लालची यात्री हिंदी कहानी | Greedy Traveller Hindi Stroy
लालची-यात्री-हिंदी-कहानी-।-Greedy-Traveller-Hindi-Stroy |
हिंदी कहानी – लालची यात्री
लालची यात्री हिंदी कहानी : एक जंगल में बहुत ही लंबा-चौड़ा अजगर रहता था। वह अब बूढ़ा हो चुका था। वह अपना पेट भरने के लिए शिकार कर पाने में सक्षम नहीं था। कभी-कभी वह पूरा दिन ही भूखा रह जाता था।
एक दिन वह शिकार की खोज में भटकता हुआ एक पेड़ के पास आया। वह एक विशाल पेड़ था। पेड़ के तना में एक कोटर था। उस कोटर में नाग अपने नागमणि के साथ रहता था। अजगर को देखकर नाग वहाँ से भाग गया और अपना नागमणि वहीं छोड़ दिया।
अजगर को पेड़ के तना में बने कोटर में कुछ चमकीली वस्तु नजर आई-वह नागमणि था। नागमणि को देखकर अजगर कुछ सोचा। अजगर उसी पेड़ पर अपना बसेरा बना लिया और आने-जाने वाले से मणि का लालच देता।
लालची-यात्री-हिंदी-कहानी-।-Greedy-Traveller-Hindi-Stroy |
एक बार एक यात्री उस रास्ते से होकर गुजर रहा था। तभी अजगर उसे अपना शिकार बनाना चाहा। उसने यात्री से कहा- ओ यात्री मेरी बात सुनो। तुम मेरे पास आओ मैं तुम्हे नागमणि देना चाहता हूँ।
यात्री उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ता गया। यात्री को अपने पास आता न देखकर अजगर फिर से बोला- तुम मेरा विश्वास करो! मैं तुम्हें कुछ नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा।
मैं इस नागमणि का क्या करूँगा? मैं इसे किसी जरूरतमंद को देकर उसकी मदद करना चाहता हूँ। तुम आओ मेरे पास और इस नागमणि को ले जाओ। इससे मुझे बड़ी प्रसन्नता होगी।
यात्री बोला- मैं नहीं आऊँगा। तुम पर कैसे विश्वास करूँ। मै तुम्हारे पास गया और तुम मुझे मारकर निगल गये तो!
अजगर बोला- मैं तुम्हारा कुछ नुकसान नहीं पहुँचाऊँगा। मैं बूढ़ा हो गया हूँ। मेरे पास इतनी भी शक्ति नहीं की इस पेड़ के नीचे उतर पाऊँ। तुम एक सज्जन व्यक्ति हो मैं यह मणि तुम्हें देना चाहता हूँ।
मुझ पर विश्वास रखकर आओ और यह मणि ले जाओ। यात्री अजगर की बातों में आ गया और उस पेड़ के पास धीरे-धीरे बढ़ने लगा। अजगर खुश हो गया।
वह समझ गया कि लालची यात्री मणि के लालच में उसकी झाँसे में आ गया है। जैसे हीं वह यात्री पेड़ के नजदीक गया वैसे हीं अजगर उस व्यक्ति पर झपटा और अपना शिकार बना लिया।
लालची यात्री को मणि के लालच में अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया।
यें कहानियाँ भी पढ़ें
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी हिंसक और नुकसानदेह चीजों के प्रति लालच में आकर लापरवाह नहीं होना चाहिए।