Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi:
पूरा नाम | अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम |
उपनाम | मिसाइल मैन |
व्वसाय | प्रोफेसर, लेखक, वैज्ञानिक, राष्ट्रपति |
जन्म | 15 अक्टूबर 1931 |
जगह | रामेश्वरम |
पिता जी का नाम | जैनुलाब्दीन |
माता जी का नाम | अशिम्मा |
भाई और बहन | पांच भाई और पांच बहन |
स्कूल | शवार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल |
विश्वविद्यालय | जोसेफ कॉलेज से स्नातक |
कार्य | रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ में वैज्ञानिक 25 जुलाई 2002 राष्ट्रपति पद |
मृत्यु | 27 जुलाई 2015 |
कारण | दिल का दौरा |
उम्र | उम्र 84 वर्ष |
जगह | शिलांग |
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के 11 में राष्ट्रपति थे। डॉ. ए. पी. जे. का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने परमाणु ऊर्जा और बैलेस्टिक मिसाइल तथा प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी के विकास कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए उन्हें भारत का “मिसाइल मैन” कहा जाता है। उन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है।
बचपन में उनका सपना था कि वह फाइटर पायलट बने। मगर एक अंक पीछे रह जाने की वजह से उनका यह सपना पूरा ना हो सका। मगर उन्होंने यह ठान लिया था कि वह फाइटर पायलट न बन सके तो, क्या हुआ? वह फाइटर प्लेन का निर्माण अवश्य करेंगे। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उनमें लगन शीलता के साथ-साथ विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करने की असीम शक्ति थी। अपना लक्ष्य प्राप्त करने में वे अपनी सारी शक्ति लगा देते थे।
वे भारत के राष्ट्रपति बनने के पहले एक अभियंता और वैज्ञानिक थे। उन्होंने मुख्य रूप से अपना कार्य एक अभियंता के रूप में 40 वर्ष तक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डी आर डी ओ (DRDO) में कार्य किया। उन्होनें एक वैज्ञानिक के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान किया।
उन्होंने द्वितीय परमाणु परीक्षण वर्ष 1998 में भारत के पोखरण में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में एक निर्णायक संगठनात्मक अगुवाई (लीडरशीप) तकनीकी रूप से अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
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डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म और पारिवारिक जीवन | Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में तमिलनाडु राज्य के एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन तथा माता जी का नाम अशिम्मा था। पिताजी एक नाविक थे तथा माता जी गृहणी थी। उनका परिवार बहुत बड़ा था। वह एक संयुक्त परिवार में रहते थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के पांच भाई और पांच बहन थे।
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: उनकी माली हालत कुछ ठीक नहीं थी इसलिए परिवार की आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए वे कम उम्र में ही अखबार बेचने का काम करने लगे। वे सुबह के समय में रामेश्वरम रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर अखबार बेचते थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के पूर्वज एक धनी व्यापारी हुआ करते थे। उनका व्यापार चेन्नई (मद्रास) के अलावा पंबन द्वीप तथा श्रीलंका में हुआ करता था। उनके परिवार का व्यापार मुख्य रूप से नाव के जरिए होता था। इसलिए कलाम के परिवार को तमिल भाषा में स्थानीय लोग “मारा कलाम अय्यकिवर” (लकड़ी की नाव चलाने वाला) कह कर पुकारते थे। समय गुजरने के साथ-साथ उनके व्यापार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह नुकसान इतना अधिक था कि उनकी माली हालत चरमरा गई।
उनके पूर्वजों की आर्थिक स्थिति एक बार बिगड़ी तो बिगड़ती ही चली गई। जिसका बुरा असर उनकी भावी पीढ़ियों पर भी पड़ा। जिस कारण अब्दुल कलाम की शुरुआती जीवन बहुत ही गरीबी में बीता। अब्दुल कलाम के जीवन में उनके पिताजी का बहुत प्रभाव था। हालांकि उनके पिताजी पढ़े-लिखे नहीं थे। मगर उनकी दिए हुए संस्कार उनके जीवन को साकार कर दिया। अब्दुल कलाम अपने जीवन को बहुत ही अनुशासित रखते थे। उनका मानना था कि जीवन में अनुशासन रखकर ही किसी भी सफलता को प्राप्त कर सकते हैं। वे एक शाकाहारी व्यक्ति थे।
अब्दुल कलाम की शिक्षा
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा 5 वर्ष की आयु में हो गई थी। उनका नाम गांव के ही पंचायत स्कूल में लिखा दिया गया था। अब्दुल कलाम की स्कूली शिक्षा रामनाथपुरम स्थित शवार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। स्कूल के दिनों में अब्दुल कलाम एक औसत छात्र थे। परंतु उनमें पढ़ने और कुछ सीखने की विशेष रूचि थी। जब वे पांचवी कक्षा में पढ़ते थे तब उनके अध्यापक ने विद्यार्थियों को अच्छे तरीके से समझाने के लिए समुद्र के तट पर ले गए। जहां उन्होंने उड़ते हुए पक्षियों को दिखाया।
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: उन्होनें बहुत ही अच्छे तरीके से पक्षियों के उड़ने का तरीका समझाया। इन्हीं पक्षियों से प्रेरणा लेकर विमान विज्ञान में जाना निश्चित किया। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने 1954 में मद्रास विश्वविद्यालय से जुड़े तिरुचिरापल्ली जोसेफ कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। स्नातक के डिग्री प्राप्त करने के बाद वे 1955 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोस्पेस इंजीनियरिंग की अध्ययन करने के लिए चेन्नई चले गए. सन 1960 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
करियर
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: सन 1960 में मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद कलाम ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डी. आर. डी. ओ.) में वैज्ञानिक के पद पर कार्य किए। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम अपने पहले कार्यभार के रूप में एक हेलीकॉप्टर का प्रारूप (डिजाइन) बनाया। अब्दुल कलाम को डी आर डी ओ के काम में विशेष संतुष्टि नहीं मिली। वह कुछ और विशिष्टकार्य करना चाहते थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम इंडियन नेशनल कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च के सदस्य भी थे। जो पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गठित था। कलाम को प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ काम करने का अवसर मिला। उनके साथ काम करके अब्दुल कलाम को प्रेरणा और नई चीजों को जानने में काफी मदद मिली। वर्ष 1969 में उनका तबादला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो में हो गया। वहां उन्होंने एस एल वी थर्ड (SLV – III) के परियोजना निदेशक के रूप में कार्य किया।
उनकी टीम ने जुलाई 1980 में पृथ्वी की कक्षा के पास रोहिणी उपग्रह को स्थापित करने में सफल रही थी। रोहिणी उपग्रह भारत का पहला स्वदेशी प्रक्षेपण यान है।
डीआरडीओ के प्रबंधन में अन्य सरकारी संगठनों के साथ मिलकर सन 1980 में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आई जी एम डी पी) की शुरुआत की। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को इस परियोजना का नेतृत्व भार सौंपा गया। वह फिर से डीआरडीओ में वापस लौट आए। वहां उनके दिए गए निर्देशों से पृथ्वी मिसाइल (1988) तथा अग्नि मिसाइल (1989) का उत्पादन कर सफलता हासिल की। उनके अभूतपूर्व योगदान के कारण उन्हें भारत का “मिसाइल मैन” कहा जाता है। वे तत्कालीन प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की अगुवाई में भारत ने 1998 में राजस्थान के पोखरण जिले में अपना दूसरा परमाणु परीक्षण किया। परमाणु परीक्षण में सफलता प्राप्त कर भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में शुमार हो गया।
राष्ट्रपति पद
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: 18 जुलाई 2002 मे डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को 90% बहुमत से भारत का राष्ट्रपति चुना गया। अब्दुल कलाम को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित एनडीए, वाम दल तथा समस्त दलों ने अपना समर्थन दिया था। राष्ट्रपति की शपथ 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में दिलाई गई थी। इस समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल के सदस्य तथा उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने भारत के विकास में काफी सराहनीय काम किए। उनका सपना था कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान तथा परमाणु शक्ति के क्षेत्र में भारत एक संपन्न देश बने। क्योंकि शक्ति संपन्न देश एक सुदृढ़ देश का सृजन करता है। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 25 जुलाई2007 को समाप्त हो गया।
राष्ट्रपति पद के दायित्व मुक्ति के बाद
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के बाद वे रुके नहीं। अपने कर्म पथ पर लगातार आगे बढ़ते रहें। वह कई संस्थानों जैसे भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, इंदौर, अहमदाबाद में वे माननीय फैलो और गेस्ट प्रोफेसर बने। वे अन्ना विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर बने। अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी शिक्षा प्रदान की।
अब्दुल कलाम भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए भी काफी प्रयासरत रहते थे। उन्हें संगीत सुनने का शौक था। वह कर्नाटक भक्ति संगीत हर दिन सुनते थे।
पुरस्कार और सम्मान
Dr A P J Abdul Kalam Biography In Hindi: डॉक्टर ऐ पी जे अब्दुल कलाम अपने किये गए अथक और उत्कृष्ट कार्य के लिए अनेकों पुरस्कार प्राप्त किए। उनके द्वारा किए गए विभिन्न कार्य भारतीय युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक है।
पुरस्कार और सम्मान | 1981: पद्म भूषण, भारत सरकार 1990: पद्म विभूषण, भारत सरकार 1997: भारत रत्न, भारत सरकार 1998: वीर सावरकर अवार्ड, भारत सरकार 2007: किंग चार्ल्स II मेडल, रॉयल सोसाइटी, यू.के. 2009: हूवर मेडल ASME Foundation, USA 2013: Von Braun Award by National Space Society 2014: Doctor of Science by Edinburgh University, UK |
निधन
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से हो गया। अपने निधन से लगभग 9 घंटे पूर्व ही उन्होंने ट्वीट किया था कि वे शिलांग आई आई एम एल लेक्चर के लिए जा रहे हैं। जब वे भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में जब (रहने योग्य ग्रह) पर एक व्याख्यान प्रस्तुत कर रहे थे। तब उन्हें एक तेज कार्डियक अरेस्ट हुआ। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जिन्हें 2 घंटे बाद मृत घोषित कर दिया गया। तब उनकी उम्र 84 वर्ष की थी।
भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर उनका सम्मान देने के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की। तिरंगे में लिपटे कलाम के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ एक गन कैरिज में रख उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर ले जाया गया। यहां पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव तथा अनेक माननीय लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। 30 जुलाई 2015 को पूरे सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को रामेश्वरम के बीच करूंबु ग्राउंड में दफना दिया गया।
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