नन्हीं चिड़िया | Nanhi Chidiya

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Nanhi Chidiya: नन्ही चिड़िया एक काल्पनिक कहानी है जो उसकी बुद्धि और साहस को दर्शाती है।
एक जंगल में चिडियों का बहुत सारा परिवार एक साथ मिलकर ख़ुशी–ख़ुशी रहते थे। उनमे से एक परिवार नन्ही चिड़िया का था । नन्ही चिड़िया को सभी बहुत प्यार करते थे । वह बहुत समझदार और साहसी थी। एक बार नन्ही चिडिया अपने माता-पिता को यह कहकर उड़ चली कि वह आज ऊँचे असमान की सैर करेगी । धीरे-धीरे शाम और फिर रात होने को आ गई, पर नन्ही चिड़िया अपने घोसले में नहीं आई। इसपर उसके माता-पिता बहुत परेशान और घबरा गये । यह बात जंगल के सभी चिडियों में फैल गई और वे सभी भी घबरा गए।


उधर, नन्ही चिड़िया उड़ कर काफी दूर निकल गई और वह काली पहाड़ी के साम्राज्य में चली गई। वहाँ पहुचने पर उसे एक आवाज़ सुनाई दी-ठहरो ! यह सुनकर नन्ही चिड़िया ठहर गई । वह इधर-उधर देखने लगी , पर आस-पास कोई भी नहीं था। नन्ही चिड़िया बोली-कौन है? कौन बोल रहा है? तब दुबारा आवाज़ आई – मेरी पहेली को बुझोगी तो ही काली पहाड़ी में जा सकती हो। तब नन्ही चिड़िया उससे पहेली पूछने को कही। पहेली थी-

एक थाल मोती से भरा, सबके सिर पर औंधा धरा।
चारो ओर वह थाली फिरे, मोती उससे एक न गिरे।

नन्ही चिड़िया ने झट से इसका जवाब दे दिया – आसमान

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नन्हीं चिड़िया | Nanhi Chidiya

नन्ही चिड़िया का जवाब सुनकर, उस आवाज़ ने उसे काली पहाड़ी पर जाने की अनुमती दे दी। काली पहाड़ी के अंदर जा कर देखा तो, नन्ही चिड़िया हैरान हो गई। उसने देखा कि छोटी-छोटी चिडियों को एक दुष्ट विशालकाय कौआ अपना गुलाम बना कर रखा हुआ था।

नन्ही चिड़िया उन सभी बेकसूर चिडियों को दुष्ट कौआ से आजाद कराने का उपाय सोचने लगी। वह साहस बटोरकर गुलाम बनाई हुई चिडियों के पास गई। वे सभी बहुत कमजोर हो चुकी थीं । इतना की वह ज्यादा उड़ भी नही सकती थी। नन्ही चिड़िया को एक उपाय सूझा । वह झट से काली पहाड़ी के जंगल में उड़ गई , और पेड़ की सुखी लताओं से रस्सी बुनकर ले आई।

नन्ही चिड़िया

Nanhi Chidiya: उसने यह रस्सी दुष्ट कौआ की गैर हाजिरी में सभी चिडियों के पैरो में एक-एक करके फँसा दिया और खुद भी अपने पैरो को उस रस्सी में फँसा दिया, और फिर सभी चिड़ियाँ एकसाथ उड़ कर रस्सी के सहारे एक-दूसरे को संभालते हुए काली पहाड़ी के बाहर आ गए ।

नन्ही चिड़िया सभी चिडियों को दुष्ट कौआ से आजाद करा कर अपने जंगल में आई । यह देखकर जंगल के सभी चिडियों और नन्ही चिड़िया के माता-पिता के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गई । गुलाम बनाए हुए सभी चिड़िया आजाद होने के बाद नन्ही चिड़िया को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया ।
नन्ही चिड़िया की समझदारी और साहस की सभी प्रशंसा करने लगे ।

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शिक्षा : नन्ही चिड़िया

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है बुद्धि और साहस के द्वारा कमजोर प्राणी भी कठिन परिस्थितियों को पार कर सकता है।

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मेरा नाम श्रीमती स्मिता सिंह है। मै इस वेबसाइट "www.hindikahani.xyz" की लेखिका और संस्थापिका हूँ। मेरी शिक्षा बी.ए. (सोसियोलॉजी, ऑनर्स) मगध विश्वविद्यालय से हुई है। मुझे हिंदी विषय में बहुत रूचि है। मुझे हिन्दी विषय का विशेष ज्ञान है और मुझे अध्यापन का कई वर्षों का अनुभव है। मैंने इस शैक्षिक वेबसाइट को अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी में सभी को मुफ्त शिक्षा देने की सोच के साथ शुरू किया है। जिससे इस विषय से सम्बंधित जानकारी ज्यादा-से-ज्यादा पाठकगण को प्राप्त हो सके।

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