Amma Ki Tarqeeb | अम्मा की तरकीब
हिंदी कहानी – अम्मा की तरकीब
Amma Ki Tarqeeb : एक गाँव में एक वृद्ध महिला रहती थी। उसका इस संसार में कोई नहीं था। वह अकेली रहती थी। उसके पास एक छोटी सी जमीन और एक झोपड़ी थी।
गाँव के लोग प्यार से उसे अम्मा कहकर बुलाते थे। अपनी उस जमीन पर वह साग – सब्जी और थोड़ा अनाज उपजाकर जैसे – तैसे अपना गुजरा करती थी। झोपड़ी में सोने के लिए एक खाट और कुछ बर्तन थे। उसे न चोरी का डर था न डकैती का।
वह दिन में अपने खेत पर काम करती और रात को खाना खाकर निश्चिंतभाव से सो जाती। रोज सुबह उठ कर अपना दैनिक कार्य पूरा कर खेत पर अपने फसलों को देखने चली जाती थी।
एक सुबह वह अपने खेत पर गई तो देखा की उसका पूरा फसल बिखरा परा है , जैसे की कोई जानवर उसके खेत में दौड़ लगाई हो। वह बहुत ही गुस्सा हुई।
अपनी फसलों को देखकर वह मायूस हो गई। अपनी बची हुई फसलों को दुबार ठीक किया और अशांत भाव से घर आ गई। पूरी राह वह यही सोचती आई कि यह किसने और क्यूँ किया होगा ?
रात को वह खाना खाकर सोने ही जा रही थी कि उसे अपने खेत पर जाने का मन हुआ। उसे आशंका हो रही थी की कहीं आज भी उसके फसलों को कोई नुकसान तो नही पंहुचा रहा है ? इसी आशंका में वह घर से निकल पड़ी अपने खेत की ओर।
अम्मा का शक सही था। उसने देखा की गाँव के आवारा कुत्ते उसके फसल को फिर से नुकसान पंहुचा रहे हैं। अम्मा चुप – चाप अपनी झोपड़ी में लौट आई और सुबह होने का इंतज़ार कर सो गई।
सुबह उठकर वह अपने खेत पर नहीं गई बल्कि गाँव के सभी आवारा कुत्तों को अपने घर अच्छा भोजन करने का निमंत्रण दिया।
यह जानकर सभी कुत्ते खुश हो गए। सभी कुत्ते अम्मा के घर आ गए।अम्मा ने सभी को एक क़तार में खड़ा कर दिया और खुद अन्दर जाकर चूल्हे पर रखी गर्म कढ़ाई में पानी के छिंटे मारकर छन्न – छन्न की आवाज़ निकालने लगी।
सभी आवारा कुत्तों को लगा की आज तो मालपुआ खाने को मिलेगा।
सभी के मुँह से पानी टपकने लगा। अम्मा बाहर आई तो , उसके हाथ में एक लोहे की मजबूत जंजीर थी। जंजीर देख कर एक कुत्ता ने कहा – जंजीर का क्या करोगी अम्मा ?
इस पर अम्मा ने कहा कि तुम सब भोजन देख कर आपस में लड़ने न लगो इसलिए तुम सभी को जंजीर में बाँध दूंगी।
जिससे तुम सभी अपना – अपना भोजन आराम से कर सकोगे। इस पर कुत्ता ने कहा – ठीक है जैसी तुम्हारी इच्छा और सभी कुत्ता अपने – आप को जंजीर में बंधवा लिए। एक कुत्ता ने बहुत बेसब्री से पुआ – पकवान खाने को माँगा।
अम्मा ने कहा – अभी लाई पकवान ! और अन्दर जा कर छन्न – छन्न की आवाज़ फिर से निकालने लगी। सारे कुत्ते बहुत खुश थे। इतने में अम्मा अपनी पीठ पीछे डंडा छुपाकर ले आई और उस डंडा से सभी को दना – दन मारना शुरू कर दिया।
अपने ऊपर हुए अचानक हमले से कुत्तों को कुछ समझ नही आ रहा था। अम्मा ने सभी कुत्तों को मार – मार कर दाँत तोड़ दिया और कहा – फिर कभी मेरी खेत की तरफ भटकना भी नहीं।
उन कुत्तों को अपने किए का फल मिल गया था और वह दर्द से कराहते हुए वहाँ से चले गए। मार खाकर एक कुत्ता ने कहा – ज़िंदगी में कभी ऐसा पकवान नहीं खाया भाई ! इस घटना के बाद वे कभी किसी का फसल बर्बाद नहीं किए।
यें कहानियाँ भी पढ़ें
हमें फेसबुक पर फॉलो करें
Achhi story hai