विशेषण किसे कहते हैं | Visheshan Kise Kahate Hain

0
2716

Table of Contents

विशेषण किसे कहते हैं? Visheshan Kise Kahate Hain?

विशेषण की परिभाषा: जिस शब्द से संज्ञा तथा सर्वनाम की विशेषता का बोध हो उस शब्द को विशेषण कहते हैं। यहां विशेषता का अर्थ है, उस शब्द की कोई विशेष या खास बात।
जैसे-
राम सुंदर लड़का है।
सीता सुरीला गाती है।
फल मीठा है।
यहां सुंदर, सुरीला, मीठा शब्द विशेषण है। जो क्रमशः संज्ञा शब्द राम, सीता, फल की विशेषता को बता रहा है।

विशेषण किसे कहते हैं
विशेषण किसे कहते हैं

विशेष्य किसे कहते हैं? Visheshya Kise Kahate Hain?

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, वह उसका विशेष्य होता है।

जैसे– उपयुक्त उदाहरण में राम शब्द विशेष्य है और सुंदर शब्द उसकी विशेषता है। सीता शब्द विशेष्य है और सुरीला शब्द उसकी विशेषता।

विशेषण के कितने भेद होते हैं? Visheshan Ke Kitne Bhed Hai?

विशेषण के निम्नलिखित पाँच भेद होते हैं।

1गुणवाचक विशेषण
2संख्यावाचक विशेषण
3परिमाणवाचक विशेषण
4सार्वनामिक विशेषण
5व्यक्तिवाचक विशेषण
visheshan ke kitne bhed hai
विशेषण के भेद कितने होते हैं

गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? Gunvachak Visheshan Kise Kahate Hain?

जिस विशेषण शब्द से संज्ञा या सर्वनाम के गुणों का बोध हो उसे गुण वाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे:
मोहन मेहनती लड़का है।
यह घड़ी गोल है।
यह इमारत ऊंची है।
यहां मेहनती, गोल, ऊंची शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम के गुण का बोध करा रहा है।

गुणवाचक विशेषण के निम्नलिखित छह प्रकार होते हैं। जो इस तरह है-

1कालवाचक विशेषण
2आकारवाचक विशेषण
3गुणवाचक विशेषण
4दशावाचक विशेषण
5स्थानवाचक विशेषण
6संख्यावाचक विशेषण
विशेषण

1 कालवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस विशेषण शब्द से संज्ञा तथा सर्वनाम के काल तथा समय का बोध हो उसे काल वाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-
सीता का घर पुराना है।
मोहन को सुबह नौ बजे जाना हैं।
गीता पिछले वर्ष मैट्रिक उत्तीर्ण हो गई।
यहां पुराना घर, सुबह नौ बजे, तथा पिछले वर्ष समय को दर्शा रहा है।

2 आकारवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

आकारवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के आकार का बोध होता है।
जैसे-
छोटा या लंबा व्यक्ति, गोल टोपी, त्रिकोण समोसा आदि।

3 गुणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

गुणवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के गुणों का बोध होता है।
जैसे-
सुंदर लड़की, मीठा हलवा, सभ्य व्यक्ति, भोला लड़का आदि।

4 दशावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

दशावाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के दशा अर्थात उसकी स्थिति संबंधी गुणों का बोध होता है।
जैसे- पुरानी या नई चारपाई, सुखी या गीली लकड़ी, निर्धन या धनी व्यक्ति।

5 स्थानवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

स्थानवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के स्थान का बोध होता है।
जैसे- ऊंचा टीला, पर्वतीय स्थान, समतल जगह, विदेशी वस्तु आदि।

6 वर्णवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

वर्णवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के वर्ण अर्थात रंग का बोध होता है।
जैसे- काली भैंस, सफेद गाय, लाल गुलाब, आदि।

संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं? Sankhya Vachak Visheshan Kise Kahate Hain?

जिस विशेषण शब्द से संज्ञा तथा सर्वनाम के संख्या की विशेषता का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे- एक सेब, चार केले, बत्तीस दांत, आदि। यहां एक, चार, बत्तीस से संख्या का बोध हो रहा है।

संख्यावाचक विशेषण के दो प्रकार होते हैं-

  1. निश्चित संख्यावाचक
  2. अनिश्चित संख्यावाचक

निश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस संख्यावाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के एक निश्चित संख्या अर्थात जिसकी गिनती की जा सके उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे-
चार संतरे। एक टेबल। दो पेड़।

निश्चित संख्यावाचक के निम्नलिखित पांच भेद होते हैं-

1गणवाचक विशेषण
2क्रमवाचक विशेषण
3समुदायवाचक विशेषण
4आवृत्तिवाचक विशेषण
5प्रत्येक वाचक

गणवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

गणवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम की संख्या या गिनती का बोध होता है।
जैसे- चार खरगोश, दस पेंसिले।

नोट: गणवाचक के भी दो प्रकार होते हैं-

  1. पूर्णवाचक जिसमें संख्या या गिनती की पूर्णता का बोध होता है अर्थात उसकी संख्या पूर्ण होती है। जैसे दो, छह, आठ, नौ, दस आदि।
  2. अपूर्णवाचक जिसमें संख्या या गिनती की अपूर्णता का बोध होता है। अर्थात उसकी संख्या अपूर्ण होती है। जैसे- पौने दो, सवा पांच, साढ़े तीन, डेढ़, ढाई आदि।

क्रमवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

क्रमवाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के एक क्रम होने का बोध होता है।
जैसे- पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवा, आदि।

समुदायवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस संख्यावाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के एक समुदाय का बोध होता है।
जैसे- दस व्यक्तियों का समूह, पांच हाथियों का झुंड, आठ चाभियो का गुच्छा, सात दिनों का एक सप्ताह आदि।

आवृत्तिवाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस संख्यावाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम की आवृत्ति होती है। अर्थात उसके गुणात्मक का बोध होता है। उसे आवृत्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे- दो गुना बढ़ोतरी, तीगुना चाल, चौगुना, छह गुना, आठ गुना आदि।

प्रत्येक वाचक विशेषण किसे कहते हैं?

प्रत्येक वाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के एक समूहों में से प्रत्येक का बोध होता है।
जैसे- प्रत्येक बच्चा, प्रत्येक विद्यार्थी, प्रत्येक लोग आदि।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस संख्यावाचक विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के अनिश्चित संख्या का बोध हो उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे- बहुत पैसे, सभी घर, कई लोग आदि।

परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते हैं? Parimanvachak Visheshan Kise Kahate Hain?

जिस विशेषण से संज्ञा तथा सर्वनाम के मां पाताल का बोध हो अर्थात किसी वस्तु या समान को मां पर या तालकड़ उसकी विशेषता बताएं उसे परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे- कुछ कपड़े, थोड़ा पानी, सेर भर चावल, एक क्विंटल गेहूं।

नोट: थोड़ा, कुछ, बहुत, सब आदि शब्द ऐसे होते हैं जो संख्यावाचक तथा परिमाणवाचक विशेषण दोनों में प्रयोग किए जाते हैं।
जैसे- बहुत घर, कुछ कपड़े, सब मिठाईयां आदि संख्यावाचक विशेषण है। वही थोड़ा पानी, बहुत आटा आदि परिमाणवाचक विशेषण होते हैं।

सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं? Sarvanamik Visheshan Kise Kahate Hain?

जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयोग किए जाते हैं उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे- यह, वह, कौन, कुछ, क्या, वे आदि।
उपर्युक्त उदाहरण शब्द सर्वनाम तथा विशेषण दोनों का कार्य करते हैं। जब इन शब्दों का प्रयोग संज्ञा के साथ होता है। तब यह विशेषण बोध कराते हैं। मगर जब इनका प्रयोग क्रिया के साथ होता है। तब यह सर्वनाम का बोध कराते हैं।
उदाहरण-
वह पढ़ रहा है।
यहां आओ।
कुछ खेलते हैं।
ऊपर दिए गए उदाहरण में वह, यहां, कुछ सर्वनाम का बोध करा रहे हैं। क्योंकि इनका प्रयोग क्रिया के साथ किया जा रहा है।

उदाहरण- वह लड़का पढ़ रहा है।
यहां मौसम अच्छा है।
कुछ बच्चे गाना गा रहे हैं।
ऊपर दिए गए उदाहरण में वह, यहां, कुछ, विशेषण का बोध करा रहे हैं। क्योंकि इनका प्रयोग संज्ञा के साथ किया जा रहा है।

व्यक्तिवाचक विशेषण विशेषण किसे कहते हैं? Vyktivachak Visheshan Kise Kahate Hain?

जिस विशेषण शब्द से व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द की विशेषता बताता हो तो उसे व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे-
राधा जयपुरी लहँगा पहनती है।
इस वाक्य में जयपुर व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द है जो जयपुरी में बदलकर व्यक्तिवाचक विशेषण हो गया है और लहँगा (जातिवाचक संज्ञा) की विशेषता बता रहा है।

ये भी पढ़ें-

विशेषण की अवस्थाएं-

विशेषता के आधार पर विशेषण की तीन अवस्थाएं होती है।

  1. मूलावस्था
  2. उत्तरावस्था
  3. उत्तमावस्था

मूलावस्था विशेषण किसे कहते हैं?

विशेषण की वह अवस्था जिससे किसी एक वस्तु, व्यक्ति, स्थान के गुण या दोष का पता चलता है उस विशेषण को मूलावस्था कहते हैं। अर्थात उस व्यक्ति, वस्तु या स्थान का किसी दूसरे व्यक्ति, वस्तु, स्थान से तुलना नहीं किया जाता है।
जैसे- तेज, परिश्रमी, सुंदर, कड़वा।
सोहन तेज दौड़ता है।
मोहन परिश्रमी विद्यार्थी है।
सुनीता सुंदर लड़की है।

उत्तरावस्था विशेषण किसे कहते हैं?

विशेषण की वह अवस्था जिसमें किसी एक व्यक्ति, वस्तु या स्थान का किसी दूसरे व्यक्ति, वस्तु या स्थान के गुण या दोष की अधिकता बताई जाती है उसे उत्तरावस्था कहते हैं।
जैसे-
राम श्याम से अधिक होशियार है।
रीता गीता से अधिक सुंदर है।
हाथी जिराफ से बड़ा होता है।

उत्तमावस्था विशेषण किसे कहते हैं?

विशेषण की वह अवस्था जिसमें एक दूसरे की तुलना करते हुए सबसे अधिकता का बोध होता हो, तो उसे उत्तमावस्था कहते हैं। अर्थात सबसे अधिक।
जैसे-
राम अपने वर्ग में सबसे तेज विद्यार्थी है।
मोहन अपने कॉलोनी में सबसे अमीरहै।
चीता सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here